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Showing posts from May 9, 2021

❤️अख़बार नहीं सबका यार है❤️

https://aniketkumarpoems.blogspot.com/             अख़बार नहीं सबका यार है यह केवल अखबार नहीं सबका यार है , सुबह का नमस्कार है। किसी के चाय के सुस्कियों के साथ हैं, तो कहीं स्टॉलों पर विचार की बात है। हर उम्र के लिए ज्ञान का भंडार हैं, देश ,विदेश, क्रिकेट हो या सिनेमा जगत सबका समाचार हैं। यह केवल अखबार नहीं सबका यार है , सबको याद है ,  वो देश के आज़ादी में भी साझेदार है। यह क्रांतियों का यलगार है, देशवासियों का हाहाकार है । यह अख़बार नहीं सबका यार है। सबके मन की बात है, सबका प्यार है, आजकल तन्हाई में भी देश दुनिया  घुमाने वाला यार है , यह अख़बार नहीं सबका यार है।           Aniket yadav    

अब हम अजनबियों से डरते है ❤️

https://aniketkumarpoems.blogspot.com/ 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 अब हम अजनबियों से डरते है, मन के भवरें को मुट्ठी में बंद रखते है। रात वही, ख्वाब वही, कभी आंखे उनकी कल्पनाओं में खोए रहते थे, आज उन्ही के यादों में रोते हैं, सारी रात करवट बदल बदल कर बिताते हैं। अब हम अजनबियों से डरते है। वही जानी पहचानी राह,वही बाग, कभी घंटों हमारा इंतजार करते थे, जहां हम जिंदगी को थाम कर, प्यार के धुन गुनगुनाते थे, अब वही मानो ठोकर मार भगाते है। अब हम अजनबियों से डरते है, मन के भवरें को मुट्ठी में बंद रखते हैं। मन वही और उसका भवारां वही, कभी सारे बागों का सैर करता था, उस गुल के डाली पर कांटा चुभा जिस दिन से, अब अनजाने बागों में जाने से घबराते है, अब हम अजनबियों से डरते है, मन के भवरें को मुट्ठी में बंद रखते हैं। लेखक वही , लेखनी वही, कभी प्रेम राग लिखते थे, आज जो विराग व्याथा लिखते हैं, अब हम अजनबियों से डरते हैं।।। ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️                      Aniket yadav