https://aniketkumarpoems.blogspot.com/ अख़बार नहीं सबका यार है यह केवल अखबार नहीं सबका यार है , सुबह का नमस्कार है। किसी के चाय के सुस्कियों के साथ हैं, तो कहीं स्टॉलों पर विचार की बात है। हर उम्र के लिए ज्ञान का भंडार हैं, देश ,विदेश, क्रिकेट हो या सिनेमा जगत सबका समाचार हैं। यह केवल अखबार नहीं सबका यार है , सबको याद है , वो देश के आज़ादी में भी साझेदार है। यह क्रांतियों का यलगार है, देशवासियों का हाहाकार है । यह अख़बार नहीं सबका यार है। सबके मन की बात है, सबका प्यार है, आजकल तन्हाई में भी देश दुनिया घुमाने वाला यार है , यह अख़बार नहीं सबका यार है। Aniket yadav