https://aniketkumarpoems.blogspot.com/ 🌺🌺मन हो स्वतंत्र तुम्हारा🌺🌺 मन हो स्वतंत्र तुम्हारा, तुम आत्मबल को सबल करो। जीवन हो सार्थक तुम्हारा, अपना लक्ष्य निर्धारित करो, रीतियों का बंधन तोड़ो, शिक्षा की सीढ़ियों पर बढ़ते चलो, अपने क्षमता का प्रमाण दो। मन हो स्वतंत्र तुम्हारा, जिम्मेदारी लो, अधिकारी बनो। आत्मविश्वास सबल हो तुम्हारा, समाज के चस्मे को उतार दो, क्रांति करो , अपने पंखों को फैलाव दो। मन हो स्वतंत्र तुम्हारा ।। Aniket Yadav