https://aniketkumarpoems.blogspot.com/ मैं मुस्कुरा रहा हूँ, खैरियत पुछे आप तो "" सब मस्त है। इन आंखों को पढे तो कोई, जो एक मुलाकात को तरशा है। दिल के भीतर झांको तो, तन्हाई है, जुदाई है, मिलने की आश में थका है। खैर ये छोडिए,, मुस्कुरा रहा हूँ, सब चंगा है।।। ANIKET YADAV✍️✍️