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Showing posts from February 27, 2022

वक्त⏱️

https://aniketkumarpoems.blogspot.com/    वक्त वक्त जब ,वक्त से गुजरता है, टिक- टिक - टिक  कर चलता जाता है। कई मुसाफिर मिलते हैं,कई बिछड़ते हैं, कोई खुशी तो कोई गम देते हैं। वक्त सारे तालिमों को संजोए रखते है। ठोकरें खा खा कर भी, खुशी के आशियाने की  तलाश में , लड़खड़ा लड़खड़ा कर भी चलता रहता है। वक्त जब वक्त से गुजरता है, टिक टिक कर चलता रहता है। बचपन के मौज , शरारते, जवानी की परेशानियां,बोझ और बुढ़ापे का दुःख - धीमी धीमी कदमों से गुजरता जाता है, वक्त से परेशान होकर व्यक्ति, वक्त के रूकने की आस में थक-हार कर बैठ जाता है। वक्त जब ,वक्त से गुजरता है, टिक- टिक - टिक  कर चलता जाता है। हर किसी का एक वक्त, वक्त यूं ही गुजड़ जाता है। ✍️Aniket Yadav