https://aniketkumarpoems.blogspot.com/ ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मुझे टोक देता, कास कोई आज मुझे टोक देता, मेरे मन को रोक लेता। अज्ञानी से ज्ञान प्रसंग कर दिया, अशिक्षित को शिक्षा का पाठ पढ़ाने लगा, अंजाम तो सब जानते क्या होगा, कुछ तो बुरा होगा, कास कोई मुझे टोक देता। स्तिथि को संतुलन रखने में, गुस्ताखी कर बैठा । जो ज्ञानी था, उसके गलत में भी हामी कर दिया, अज्ञानी में भी थोड़ी कमी मिल गया, कोई माफ़ कर देता, अंजाम तो सब जानते है। तो कास कोई आज मुझे टोक देता, मेरे मन को रोक लेता। Aniket Yadav🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️