🙏https://aniketkumarpoems.blogspot.com/
मैं अब मौन रहता हूं, तेरे चले जाने के बाद...
ऐसा नहीं है की मुझे अब कुछ भी बोलना पसंद नहीं है...
मुझे पसंद तो आज भी है,
तुमसे घंटो बाते करना,
तेरे संग रहो में चलते जाना,
दूर तक चल के खो जाना,
नदी किनारे बैठे रहना,
तुम्हारे बातों में खो जाना।
मुझे आज भी पसंद है....
तेरे मुस्कान पे दीवाना हो जाना,
तेरे गम में बैठ के साथ रोना,
तेरे लिए तोहफा को संभाल के रखना,
तेरे हर जिद को पूरा करना,
तेरे बातों को बहुत देर तक सोचते रहना,
और फिर तुम्हारे साथ अपने लक्ष्यों की ओर निकल जाना,
मुझे आज भी पसंद है।।
लेकिन अब मैं मौन रहता हूं क्योंकि,
सुनने के लिए तुम नहीं हो,
सलाह के लिए तुम्हारा साथ नही है,
मुस्कुराने के लिए तुम्हारा हंसी नहीं है,
रोने के लिए तुम्हारा कंधा नही है,
तेरी मुस्कान.. बस तस्बीरो तक सिमट के रह गई है।
तेरा हमसफर अब तुम्हारे बिन अकेला चलना नही चाहता,
लेकिन चलता हु मै तो बस अपने लक्ष्यों को पाने के लिए,
क्योंकि अब मेरे पास तुम नहीं हो,
इसलिए सचमुच मौन हो गया हूं।
मैं तेरे जाने के बाद अकेला सा हो गया हूं,
और खुद को कैद कर लिया हूं एक छोटे से कमरे में,
जहां पर अब सिर्फ मैं हूं ,
मेरी यादों की डायरी है और उसमे लिखी तुम्हारी ही यादें है..।
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️