https://aniketkumarpoems.blogspot.com/ तब कोई आवाज नहीं उठाता .. सवाल उठाते हैं लोग, की होली के रंग जहरीले, दिवाली के पटाखे विषैले, गणेश पूजा में समुंदर का विनाश, दुर्गा पूजा में नदियों का सर्वनाश, जब बकरीद में.. बहे खून की नदियां, तब कोई आवाज नहीं उठाता । सवाल उठाते हैं लोग ,,,, कि कुंभ का मेला फैलाए बीमारी, कांवरिया लाए महामारी , जब सैलाब उमड़े बाजारों में, करने ईद की खरीदारी , तब कोई आवाज क्यों नहीं उठाता। सवाल उठाते हैं लोग,,,, कि सरकार है नाकाम, ऑक्सीजन उपलब्ध कराना , केवल उसी का काम ,, जब तोड़ के लोक डाउन, घूमते हैं लोग चाइना टाउन, ना दो गज की दूरी ,ना मास्क जरूरी, तब कोई सवाल नहीं उठाता । अपने घर में हिंदू है पराया, अपनों ने ही है कहर ढाया, भूल गए सनातन धर्म परमो धर्म, कटती है जब निर्दोष गऊ माता, तब कोई आवाज़ नहीं उठाता।। By ..Respected ✍️✍️ POONAM SONI =======================